क्या? क्यों? क्यों? आखिर हिटलर ने खुद को गोली क्यों मारी? यह सवाल सभी को हैरान परेशान करता है।हिटलर इतना क्रूर तानाशाह था कि उसने 60 लाख यहूदियों को मौत के घाट उतार दिया। उसका सपना था कि दुनिया से यहूदियों का नामो-निशान मिटा दिया जाए। मगर उसका सपना पूरा नहीं हो पाया। मगर ऐसा क्या हो गया की “हिटलर ने खुदकुशी कर ली” आइए जानते हैं इसकी क्या वजह थी?
तो चलिए समझने की कोशिश करते हैं कि हिटलर ने आत्महत्या क्यों की?
हिटलर ने खुदकुशी क्यों की?
बर्लिन को सोवियत संघ ने घेर लिया था। बर्लिन पर सोवियत संघ कब्जा करने की कोशिश करने लगा। बर्लिन पर कब्जा करने सोवियत संघ की ‘रेड आर्मी’ गई थी। बर्लिन की सेना रेड आर्मी के आगे नहीं टिक पाई। अब हिटलर को यह यकीन हो गया कि अब कुछ नहीं किया जा सकता। उसने अपने आप को एक जमीन से 50 फीट नीचे खास तरीके से बनाया गया बंकर में कैद कर लिया। जिसमें हर सुख सुविधा मौजूद था। साथ में अपनी नई नवेली दुल्हन इवा को भी ले गया।
हिटलर के पास दो ही विकल्प है
1: खुद मरना
2: तड़प तड़प कर मरना
जर्मनी के तानाशाह और हिटलर के खास मित्र ‘बेनिटो मुसोलिनी, थे। उसकी हत्या जर्मनी में सरेआम कर दी गई और उसके शव को चौराहे पर लटकाया गया। लोगों ने उसके शव पर अपना गुस्सा उतारते हुए लाश पर पत्थर फेंके। हिटलर को यह पता था कि अगर वह जिंदा दुश्मनों के हाथ आ गया तो उसकी मौत तड़प तड़प कर होगी और उसकी लाश के साथ बर्बरता की जाएगी।
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जब हिटलर ने खुद को गोली मारी…
हिटलर ने दुश्मन के हाथ से मरने से अच्छा अब आत्महत्या करने की सोची। हिटलर जिस बनकर में था उसके साथ उसकी पत्नी भी थी। उसने पहले अपने सभी करीबी दोस्तों से मुलाकात ली। फिर अपने स्टडी रूम में जाकर अपनी पत्नी के साथ अपने सिर पर गोली मार ली और हिटलर हमेशा की नींद सो गया।
हिटलर की लाश को जलाया नहीं दफनाया गया!
हिटलर ईसाई धर्म का था। ईसाई धर्म में लाश को ताबूत में रख कर दफनाया जाता है।
हिटलर ने अपने करीबी से यह कहा था कि “मरने के बाद मेरी लाश को जला देना।”
क्योंकि उसे डर था कि अगर मेरी लाश दुश्मनों को मिल गई तो वह लोग मेरे लाश के साथ बर्बरता करेंगे सरेआम चौराहे पर मेरे लाश को लगाकर लोग उस पर अपना गुस्सा उतारेंगे ठीक इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की तरह!
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सोवियत संघ को केवल हिटलर की राख मिली।
हिटलर की मौत के बाद दोनों के शव को बंकर से बाहर निकाला गया जैसा हिटलर ने बताया था कि उसकी लाश को जला देना।इसलिए उसकी लाश पर पेट्रोल डालकर जला दिया गया। जब तक सोवियत सेना बनकर तक पहुंच पाते तब तक सोवियत संघ को सिर्फ हिटलर की राख मिली
हिटलर की मौत का चश्मदीद उसका बॉडीगार्ड
हिटलर का बॉडीगार्ड ‘रोशस मिस्क’ था। वह हिटलर की मौत का आखरी चश्मदीद था, क्योंकि उस दिन वह बनकर में हिटलर से आखरी बार मिला था। जब बंकर खोला गया तब बंकर के अंदर सबसे पहले वही गया था। उसने 2013 में एक किताब लिखी जिसके जरिए हिटलर के आखरी समय को उसने बारीकी से बताया। उस किताब का नाम “हिटलर्स लास्ट विटनेस: द मोमॉइर्स ऑफ हिटलर्स बॉडीगार्ड”था।
रोशस मिस्क आखरी दम तक कहता रहा कि...
हिटलर सामान्य इंसान था।
हिटलर क्रूर नहीं था।
हिटलर शैतान नहीं था।
यह व्यक्ति उन विशिष्ट श्रेणी में था। जो हिटलर की बुराई के वजह तारीफ करता था।
आखरी शब्द
तो आज के इस पोस्ट में हमने जाना कि हिटलर ने आत्महत्या क्यों की आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी ऐसी अद्भुत जानकारी अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें
मेरे विचार
भले ही सुनने में बहुत भद्दा लगता है कि इतने क्रूर तानाशाह ने कायरों की तरह आत्महत्या कर ली। मगर हिटलर ने अगर आत्महत्या नहीं की होती तो उसके साथ बहुत ही ज्यादा बर्बरता होती। उसकी मौत बहुत ही दर्दनाक होती और वह अपनी मौत के लिए सोवियत संघ से भीख मांगता। इसीलिए मेरे ख्याल से हिटलर ने जो भी किया सही किया। हां हिटलर में लाख गलतियां थी वह बात अलग है।
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