Black death: यूरोप में फैली एक ऐसी भयंकर महामारी जिसके कारण यूरोप की आधी आबादी खत्म हो गई थी। आज की नई पीढ़ी को इतिहास में आए हुए महामारीयों के विषय में नहीं पता! तो चलिए आज के इस पोस्ट में ब्लैक डेथ ( Black death) महामारी के विषय में आपको बताता हूं। इस कहानी के अंत तक पढ़ते-पढ़ते आपकी रूह कांप जाएगी तो चलिए शुरु करते है ब्लैक डेथ महामारी के बारे में…
ब्लैक डेथ ( Black death) महामारी क्या था?
13वीं शताब्दी के मध्य में यूरोप में एक ऐसी भयंकर महामारी फैली थी उसके कारण यूरोप की लगभग आधी आबादी खत्म हो गई थी। इस महामारी का कारण था ‘बुबोनिक प्लेग‘। उस समय इस बीमारी के विषय में किसी को कुछ नहीं पता था, ना ही किसी को इसके बचाव और इलाज के विषय में ! अतः स्थिति बहुत ही भयानक होती गई। अकेले यूरोप और अफ्रीका देशों में मौत के आंकड़ों की बात की जाए तो 75 से 200 मिलियन लोगों की मौत हुई थी। मौत के आंकड़ों में इतिहासकारों के बीच मतभेद है।
ब्लैक डेथ ( Black death) यूरोप में कैसे आया?
आपके मन में यह सवाल होगा कि ब्लैक डेथ महामारी यूरोप में आपकी कैसी आया क्या यहां इसके पीछे एक रोचक कहानी है, चलिए बताता हूं।
पुराने समय में सिल्क रूट बनाया गया था जो अलग-अलग देशों से मिलता था। इसी रास्ते के जरिए अलग-अलग देश आपस में व्यापार करते थे। उस समय चीन अलग-अलग देशों के साथ व्यापार करता था। चीन का एक बड़ा ग्राहक यूरोप था। अतः यूरोप के व्यापारी चीन जाकर सामान खरीदते हैं।
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एक बार 1346 में व्यापारी नाविकों का समूह चीन से लौट रहा था तब उनके नाव में प्लेग फैलाने वाले चूहे सवार हो गए जिससे जहाज पर जितने भी सवार लोग हैं। सभी प्लेग के शिकार हो गए, क्योंकि चीन से यूरोप का रास्ता तय करने में महीनों लग जाते थे। सभी व्यापारीयो की तबीयत खराब होने लगी और उनकी मौत होने लगी।
जैसे तैसे जब सभी नाव यूरोप के ससली बंदरगाह पर पहुंचे और यूरोप के लोगों ने जब नाव में मरी हुई लास देखी तो उनके होश उड़ गए। नाव में कुछ जिंदा लोग भी बचे थे। उनकी भी तबीयत खराब हो चुकी थी। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आप भी इन सभी लोगों की मौत कैसे हुई जैसे तैसे मरे हुए लोगों को दफनाया गया और बीमार लोगों का इलाज शुरू किया गया।
पर या तो अभी शुरुआत थी! मृत लोगों के शरीर से प्लेग के जीवाणु शहर में फैलते गए और देखते ही देखते पूरे शहर के लोग बीमार पड़ते हैं। मौत का सिलसिला बढ़ता ही गया।
आने वाले 1 साल के अंदर अंदर पूरे यूरोप और अफ्रीका के आधे से ज्यादा भागों में यह बुबोनिक प्लेग फैल गया। और लोगों की मौत का सिलसिला चलता ही रहा।
ब्लैक डेथ ( Black death) का कुछ ऐसा नजारा था!
यूरोप में यह प्लेन का कहर करीब 5 सालों तक चला है। इन 5 सालों में प्लेग से होने वाली मौतों की रफ्तार कभी कम होती तो कभी ज्यादा होती है। ऐसे में लोगों के बीच डर का माहौल बन गया था। लोग कई तरीके की धार्मिक क्रियाएं करते थे। उनके अनुसार ईश्वर उनसे नाराज हो गए हैं। खेती-बाड़ी व्यापार एकदम से ठप हो गया था। हर जगह मौत का ही तांडव हो रहा था। कब्रिस्तान में लास दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही थी। लोग अपने घरों से बाहर भी निकलना छोड़ दिए थे।
क्योंकि लोगों को इस संक्रामक बीमारी के विषय में किसी भी तरीके का कोई ज्ञान नहीं था। इसकी दवाई क्या है? इसका बचाव क्या है? इसके विषय में कुछ मालूम नहीं था। शायद यही वजह है कि स्थिति और भी ज्यादा भयानक हो गई थी।
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हर रोज लाशों का ढेर लग जाता था!
इन 5 सालों में किसी की मौत होना एकदम आम बात हो गई है। 1 दिन में जितने लोगों को गड्ढा खोद के दफनाया जाता था। अगले दिन उतने ही लोगों की मौत हो जाती थी। किसी को इतना भी समय नहीं मिलता था, कि वह मरने वाले पर शोक मनाए। लोग इलाज के बजाए बीमार व्यक्ति का मौत ही एक आखिरी रास्ता है ऐसा मानने लगे थे।
ब्लैक डेथ माहामारी कैसे खत्म हुआ?
1346 से शुरू हुआ यह महामारी 5 सालों के बाद 1351 में खत्म हुआ। इन 5 सालों में यूरोप में मानवता और नैतिकता खत्म हो गई। लोगों के बीच डर का ऐसा माहौल बन गया था कि लोग एक दूसरे को छूते भी नहीं थे। उनसे बातें भी नहीं करते थे।शायद यही वजह थी कि एक तरीके की सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहि और यह बीमारी का अंत हो गया।
ब्लैक डेट महामारी कैसे खत्म हुई इसका दूसरी वजह यह भी है कि जैसे-जैसे यूरोप की आबादी कम हो गई संक्रमण खेलने की रफ्तार कम हो गई। क्योंकि लोगों की संख्या भी कम हो गई थी और लोगों ने सावधानियां बरतना भी शुरू कर दिए थे।
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ब्लैक डेट महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था 100 साल पीछे चली गई।
यूरोप के प्रसिद्ध अर्थशास्त्रीओं का मानना है कि “इस महामारी के कारण यूरोप की अर्थव्यवस्था उस समय करीब 100 साल पीछे चली गई”। क्योंकि आबादी खत्म हो जाने के कारण फैक्ट्रियां बंद पड़ गई जैसे तैसे जब फैक्ट्रियों को शुरू किया गया तो मजदूरों की भारी कमी थी। जिसके कारण महंगाई भी बढी! लोगों का जीवन स्तर काफी नीचे गिर गया था लोग इतने गरीब हो गए थे कि दो वक्त की रोटी भी नहीं खा पा रहे थे।सरकारी व्यवस्था भी एकदम खराब हो गई थी।
यूरोप को इस महामारी से उबरने में देखा जाए तो 5 सालों का समय लगा मगर अर्थव्यवस्था और सामान्य जिंदगी को वापस लाने में कई साल लग गए।
मेरे विचार
आज के समय बुबोनिक प्लेग की दवा आपको आसानी से किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल जाएगी मगर उस समय ऐसा कुछ नहीं था। शायद इसीलिए इतनी बड़ी तबाही मची। इतिहास में ऐसे कई महामारी देखे गए हैं जिनसे मानव सभ्यता को बहुत भारी नुकसान हुआ है। अभी हाल ही में हमने कोरोना महामारी को देखा जिस में भी इंसान के पास लाख तरक्की और टेक्नोलॉजी होने के पास हम प्रगति के आगे बेबस थे।
आखिरी शब्द
तो दोस्तों आज के इस पोस्ट में ब्लैक डेट महामारी था? जिसने यूरोप की आधी आबादी खत्म कर दी। इस विषय में जाना आप इस महामारी के विषय में क्या सोचते हैं हमें कमेंट करके जरूर बताइए और ऐसी अद्भुत जानकारी अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।