हमारे भारतीय इतिहास में अनेकों अलग-अलग राज्यों के राज हुए। कुछ राजाओं ने इतिहास में अमर होने के लिए अपने शौर्य पराक्रम युद्ध नीति और वीरता का परिचय दिया। तो कुछ न जाने अपने अजीबोगरीब शौक की वजह से इतिहास में अमर हो गए। तो चलिए आज के इस पोस्ट में हम भारत के 9 अजीबोगरीब शौक वाले राजा महाराजा के विषय में बात करेंगे।
वैसे तो अजीबोगरीब राजा महाराजाओं की लिस्ट काफी लंबी है पर मैं यहां आपको केवल 9 राजाओं महाराजाओं के विषय में बता रहा हुँ, तो चलिए शुरू करते हैं।
- जूनागढ़ के नवाब महबत खान रसूल खान: 800 कुत्ते पालने का शौक!
- कपूरथला के महाराजा जगजीत सिंह: महंगी घड़ियां संदूक जूते कपड़े पहनने का शौक!
- अलवर के महाराजा जय सिंह: रोल्स रॉयल कार से कचरा उठाने का शौक!
- महाराजा सवाई माधोसिंह: बड़े-बड़े बर्तन खरीदने का शौक!
- बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह: गरीबों में सोना बटाने का शौक!
- उदयपुर के महाराजा सज्जन सिंह: क्रिस्टल से बनाए गए वस्तुओं का शौक!
- हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खा: 184.97 कैरेट जैकब डायमंड का पेपर वेट की तरह उपयोग करने का शौक!
- महारानी इंदिरा देवी: महंगे कंपनी के 100 जोड़ी जूते रखने का शौक!
- बड़ौदा की महारानी सीता देवी: 1000 साड़ियों का कलेक्शन रखने का शौक!
आइए इन सभी राजाओं महाराजाओं के विषय में क्या-क्या विस्तार से जानकारी लेते हैं।
जूनागढ़ के नवाब महाबत खान रसूल खान
जूनागढ़ के नवाब को अपने प्रजा से तो प्रेम था ही साथ में उन्हें कुत्तों से ही भी बहुत प्रेम था। उनके पालतू कुत्ते करीब 800 थे। उन सभी कुत्तों को पालने में जो भी खर्च आता था वह राज्योंकोष से लिया जाता था। आमतौर पर किसी भी कुत्ते की मौत हो जाने पर वे राज्य में छुट्टी घोषित कर देते ।
एक बार जूनागढ़ के नवाब ने कुत्ता और कुतिया की शादी में बहुत ही धूमधाम से किया। जिसमें अंदाजा 20 लाख रुपए खर्च हुऐ थे।
कुत्तों की इस शादी में नवाब साहब भारत के वायसराय रहे लॉर्ड इरविन को भी आमंत्रित किया था। हालांकि उन्होंने आने से इंकार कर दिया था।
कपूरथला के महाराजा जगजीत सिंह
1890 में महाराजा जगजीत सिंह को कपूरथला की राजगद्दी मिली। राजगद्दी मिलते ही के अजीबोगरीब शौक की वजह से महाराजा प्रसिद्ध हो गए। उस समय की मशहूर लग्जरी ब्रांड ‘लुइ विटन’ के द्वारा बनाए गए सारे प्रोडक्ट उनको प्रिय था। लुइ विटन उस समय महंगी घड़ियां, संदूक, जूते, कपड़े आदि बनाती थी। वह इस कंपनी के सभी प्रोडक्ट को खरीद कर इस्तेमाल करते थे।
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अलवर के महाराजा जय सिंह
राजस्थान के अलवर जिले के महाराजा जिनका पूरा नाम जय सिंह प्रभाकर था। जिले में जय सिंह के नाम से जानते हैं। जयसिंह के शौक काफी महंगे होते थे। जैसे कि एक बार जय सिंह लंदन यात्रा पर गए थे।तब उन्हें रोल्स रॉयल के शोरूम में बेज्जती की गई। बेज्जती का बदला लेने के लिए उन्होंने रोल्स रॉयल ढेर सारी गाड़ियां खरीदी और भारत में लाकर इन गाड़ियों से कचरा उठाया। नतीजतन रोल्स रॉयस गाड़ी की प्रतिष्ठा दुनिया भर में कम होने लगी। अंत मे रॉयल्स के मालिक को पत्र लिखकर राजा जयसिंह के माफी मांगनी पड़ी।
महाराजा सवाई माधोसिंह
जयपुर राज्य के महाराजा सवाई माधव सिंह हिना का राज्याभिषेक 1750 में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन काल में ढेर सारे युद्ध लड़े। पर आपको जानकर हैरानी होगी कि इनको पहचान युद्ध की वजह से नहीं बल्कि अपने अजीबोगरीब शौक की वजह से मिली थी। दरअसल इनको बर्तन खरीदने का काफी शौक था। बर्तन खरीदने के मामले में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। माधव सिंह ने अपने जीवन काल में 2 सबसे बड़े बर्तन बनवाए जिन्हें बनाने के लिए 14000 चांदी के सिक्कों का उपयोग हुआ था।
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह दानवीर कर्ण के समान थे। वह समय-समय पर गरीबों को सोना बटाने करते थे। हालांकि उनका दूसरा पक्ष यह भी है कि वह काफी गुस्सैल और पक्षपात वाले व्यक्ति थे।
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उदयपुर के महाराजा सज्जन सिंह
उदयपुर के महाराजा सज्जन फोटो क्रिस्टल काफी पसंद था। उन्होंने क्रिस्टल महल बनाया है। जिसमें क्रिस्टल जड़े हुए थे। क्रिस्टल से ही लगभग हर चीज बनाई गई थी। उन्होंने उन्हें क्रिस्टल इतना प्रिय था कि उन्होंने पलंग टेबल कुर्सी परफ्यूम की बोतल आदि सभी में क्रिस्टल लगाव दिया था।
उनके महल और महल की सभी वस्तुओं में क्रिस्टल जोड़ने का काम इंग्लैंड की कंपनी f.and .b olser द्वारा किया गया था।
हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान
हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली का नाम दुनिया के सबसे महंगे पेपरवेट इस्तेमाल करने में आता है। दरअसल उन्होंने 184.97 कैरेट जैकब डायमंड का पेपर वेट बनवाया था जिसकी कीमत उस समय के मुताबिक दो billion-dollar था।
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महारानी इंदिरा देवी
अजीबोगरीब शौक रखने में हमारी भारतीय महारानियां भी कम नहीं थी। महारानी इंदिरा देवी उस समय के मशहूर जूते की कंपनी Salvatore Ferragamo की बड़ी ग्राहक थी उनके पास करीब 100 जूतों का कलेक्शन था। इन सभी जूतो पर में उन्होंने हीरे रत्ना लगवाए हुए थे।
बड़ौदा महारानी सीता देवी
सीतादेवी को साड़ियों का बहुत शौक था। उनके पास करीब महंगी महंगी कंपनियों के हजार से भी अधिक साड़ियों का कलेक्शन था। और इन सभी साड़ियों के साथ मैचिंग जूते चूड़िया पर स्थित है।
आखरी शब्द
उम्मीद है कि आप को अजीबोगरीब शौक वाले भारतीय महाराजा के विषय में यह जानकारी पसंद आई होगी।
मेरे विचार
हमारे देश में राजा शाही खत्म 1947 के बाद से ही हुई ना!! उसके पहले तो अनगिनत राजा हुए उन सभी राजाओं ने इतिहास में अपने आप को अमर करने के लिए जैसे कि कुछ राजाओं ने अपनी पराक्रम शॉय और वीरता का परिचय दिया। तो कुछ राजाओं ने अपने अजीबोगरीब शौक के सहारे इतिहास में अमर हो गये। वह बात अलग है कि महाराजा है कुछ भी कर सकते हैं।
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।