दुनिया के प्रसिद्ध पेंटिंग में से एक ‘द लास्ट सपर चित्र’ है। पुरानी कहावत है कि एक चित्र हजार शब्दों के बराबर है। द लास्ट सपर पेंटिंग इसी कहावत का बहुत बड़ा उदाहरण है। द लास्ट सपर पेंटिंग में जीसस जब अपने 12 शिष्यों के साथ बैठकर भोजन कर रहे होते हैं तब उन्होंने यह खुलासा किया कि “तुम में से कोई एक मेरे साथ विश्वासघात करेगा” तब उस समय सभी की क्या प्रतिक्रिया थी उन सभी चीजों को बारीकी से द लास्ट सपर पेंटिंग में दर्शाया गया है।
तो आइए आज के इस पोस्ट में द लास्ट सपर पेंटिंग (last supper painting) के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देता हूं।
द लास्ट सपर चित्र बनाने वाले कलाकार का क्या नाम था?
द लास्ट सपर चित्र बनाने वाले कलाकार का नाम लिओनार्दो दा विंची (Leonardo da Vinci) था। इस पेंटिंग को लिओनार्दो दा विंची में 1495 से 1499 तक बनाया था।
द लास्ट सपर चित्र | the last supper painting in Hindi
केवल फोटो देखकर आप या अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि द लास्ट सपर पेंटिंग कितनी बड़ी है। मैं आपको बता दूं कि इस पेंटिंग का आकार 15.1 फीट × 28.29 फीट है।
लिओनार्दो दा विंची की दूसरी सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग द लास्ट सपर पेंटिंग ही है। इस पेंटिंग में विंची ने इतने भारी का हाव भाव का वर्णन किया है जो आज के समय में बनाना और असंभव है या बहुत ज्यादा मुश्किल है।
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द लास्ट सपर का मतलब होता है अंतिम भौजन! इस चित्र में जीजस अपने 12 शिष्यों के साथ आखरी भोजन करते हैं और उसी समय यह कहते हैं कि “तुम में से एक मेरे साथ विश्वासघात करेगा” यह बात सुनकर सभी शिष्यों को बहुत बड़ा सदमा लगता है और उस पर सभी शिष्यों के क्या हाल भाव रहते हैं यह सभी बहुत ही ज्यादा बारीकी से ही पेंटिंग में लिओनार्दो द विंची ने बनाया है।
बाइबल के अनुसार जब जीसस यह कहते हैं कि तुमने से कोई एक मेरे साथ विश्वासघात करेगा तब उनका एक शिष्य फिलिप्स उनसे पूछते हैं कि “क्या वह दगाबाज में हूं” जीजस कहते हैं कि जो ब्रेड उठाएगा वही मेरे साथ विश्वासघात करेगा। हम पेंटिंग में देख सकते हैं कि जेम्स नाम का शिष्य अपने हाथों को पीछे कर लेता है और वही जूडस ब्रेड उठता है क्योंकि वह पीटर और जॉन बातों में खोया रहता है।
असल में जूडस ही जीसस के साथ विश्वासघात करता है। उसने रोमन से पैसे लिए थे और जीसस को पकड़वाया था। लिओनार्दो दा विंची ने इस पेंटिंग में जूडस की को सावला दिखाया है। उसके हाथ में पैसों का भरा थैला भी दिखाया है। लिओनार्दो दा विंची ने जूडस उसका चेहरा बनाने के लिए जेल के कैदियों को ध्यान में रखते हुए उसका चेहरा बनाया है।
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इस चित्र में जीसस के दाएं तरफ एक व्यक्ति बेहोश दिखाया गया है यह अभी तक मतभेद है कि वह आदमी है या औरत! बहुत से इतिहासकार मानते हैं कि वह जीसस का शिष्य जॉन और वह पुरुष है। तो वहीं दूसरे इतिहासकार कहते हैं कि या मैरी मैगडलीन है जो जीसस की एक शिष्य थी। बाइबल के अनुसार मैरी मैगडलीन ही है जो जीसस को सूली पर चढ़ाए जाने दफनाए और इससे जिंदा होने का इकलौता गवाह है।
यह पेंटिंग आपको संग्रहालय में नहीं बल्कि मिलान शहर के एक मशहूर चर्च जिसका नाम सांता मारिया डेल्ले ग्राज़ी (santa maria delle grazie) में है।
लिओनार्दो दा विंची की छोटी सी गलती
लियोनार्दो विंची ने द लास्ट सपर पेंटिंग को बनाने में एक बहुत ही साधारण सी गलती की है। दरअसल पेंटिंग में जीसस और उनके सभी शिष्य को भोजन में इल मछली और संतरे परोसे गए हैं। अगर आपको बता दूं कि उस समय यूरोप के मध्य-पूर्व में संतरे नहीं पहुंचे थे। दरअसल जब लिओनार्दो दा विंची ने 14वीं शताब्दी के अंत में इस पेंटिंग को बनाया था तब उस समय इल मछली और संतरे खाना एकदम आम था। शायद इसीलिए उन्होंने यह साधारण गलती कर दी।
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द लास्ट सपर पेंटिंग का रहस्य | The Secret of the Last Supper Painting
इटली के एक आर्टिस्ट द लास्ट सपर पेंटिंग का गहरा अध्ययन करने के बाद 2010 में यह कहा की “इस पेंटिंग में गणितज्ञ संकेतों के जरिए लिओनार्दो दा विंची ने दुनिया के अंत की तारीख दिया है”। वह तारीख 4006 है। इसका मतलब लिए लिओनार्दो दा विंची के अनुसार सन 4006 में इस दुनिया का अंत हो जाएगा।
लियोनार्डो द विंची ने इस पेंटिंग को बनाने में कई बार 3 की ओर इशारा किया है। दरअसल ईसाई धर्म के लोग holy Trinity में विश्वास करते हैं जिसका मतलब होता है कि भगवान तीन तत्वों से मिलकर बना है पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा! इसी बात को समझाने के लिए लिओनार्दो दा विंची लास्ट सपर पेंटिंग में 3 को बहुत बार दर्शाया है जैसे भी शिष्य को तीन-तीन के समूह में बिठाया है चित्र में 3 खिड़की दर्शाई गई है।
जब द लास्ट सपर पेंटिंग को नुकसान हुआ
- 1692 में द लास्ट सपर पेंटिंग जिस दीवाल पर बनाया गया था। उस दीवाल के निचले भाग को तोड़कर दरवाजा बनाया गया। जिससे जीसस के पैर वाला हिस्सा नष्ट हो गया।
- 1796 में फ्रेंच के सैनिकों ने इस पेंटिंग को काफी नुकसान पहुंचाया था।
- 1943 में देश किया विश्वयुद्ध के दौरान पड़ोसी देश के बमबारी से यह पेंटिंग जिस चर्च में मौजूद है उस चर्च को भारी नुकसान हुआ था।
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आखिरी शब्द
‘द लास्ट सपर’ चित्र यह चित्र इतना ज्यादा प्रसिद्ध इसलिए है, क्योंकि इसमें लिओनार्दो दा विंची ने उस क्षण को एकदम बारीकी से अपने कला के जरिए चित्र में उतारा है। उम्मीद है आपको इस पेंटिंग के विषय में पूरी जानकारी मिल गई होगी और आपका इस पेंटिंग को लेकर क्या ख्याल है हमें कमेंट करके जरूर बताइए। इतनी अद्भुत और रोचक जानकारी अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
मेरे विचार
मोनालिसा का चित्र के बाद सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कोई पेंटिंग है तो वह है द लास्ट सपर। दोनों ही पेंटिंग को लिओनार्दो दा विंची बनाया था। आश्चर्य होता है कि आखिर लिओनार्दो दा विंची ने इतने बड़े पेंटिंग को कैसे बनाया और इतनी बारीकी वाला काम तो केवल विंची ही कर सकते हैं। मेरे ख्याल से आज के समय ऐसी पेंटिंग बनाना वह भी बिना किसी मशीन की सहायता से यह संभव है।
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।