क्या सच में महाभारत हुआ था? आज के समय यह एक बहुत बड़ा सवाल है! आजकल के युवा और पश्चिमी सभ्यता को अधिक तवज्जो देने वाले लोग महाभारत को झूठा और काल्पनिक कहानी बताते हैं। मगर आज के इस पोस्ट में मैं यह साबित कर दूंगा महाभारत सच में हुआ था। उसके सभी पात्र असली थे, क्योंकि आज मैं आपको इस पोस्ट के जरिए महाभारत होने के 5 बड़े सबूत देने वाला हूं।
दरअसल, महाभारत 3102 ईसा पूर्व में हुआ था। आज भी महाभारत के अवशेष भारत में प्राप्त होते हैं। इन महाभारत की अवशेषों और तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि महाभारत सच में हुआ था!
तो बने रहिए इस पोस्ट के साथ आपको यकीन हो जाएगा कि महाभारत सही में हुआ था।चलिए शुरू करते हैं।
महाभारत होने के 5 सबूत!
वैसे तो महाभारत के अवशेष भारत में कई जगह मिलते हैं। मगर मैं आपको महाभारत होने के 5 सबूत बता रहा हूं, जो तगड़े सबूत है!आइए एक-एक करके जानते हैं।
कुरुक्षेत्र
महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था। यह आज के हरियाणा में पड़ता है।यहां की मिट्टी लाल है। महाभारत में भी ऐसा वर्णन मिलता है कि कुरुक्षेत्र में इतना खून बहा कि यहां की मिट्टी लाल हो गई। समय-समय पर कुरुक्षेत्र से तलवार,भले,तीर,कमान आदि मिलते रहते हैं। इन सभी हथियारों की कार्बन डेटिंग से पता चलता है कि 5 हजार साल पुरानी है यानी की महाभारत भी आज से 5 हजार साल पहले हुआ था।
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ब्रह्मास्त्र/ परमाणु बम
पुराने समय का ब्रह्मास्त्र आज के समय परमाणु बम कहा जाता है। गीता में ब्रह्मास्त्र का उपयोग करने के बाद जिस तरीके के दृश्य का वर्णन किया गया है ठीक उसी तरीके का दृश्य परमाणु बम फटने के बाद होता है।
जे रॉबर्ट ओपेनहाइमरजे को परमाणु बम को आविष्कारक माना जाता है। उन्होंने परमाणु बम बनाने के लिए 1 साल भारत आए थे। ब्रह्मास्त्र पर रिसर्च की थी, जिनके लिए उन्होंने संस्कृत भी सिखा था। 1939 से 1945 के बीच कई बार अमेरिका के वैज्ञानिकों की टीम भारत आई। 16 जुलाई 1945 के दिन अमेरिका ने पहला परमाणु परीक्षण किया। इसमें कोई शक नहीं है कि जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर परमाणु बम बनाने के लिए ब्रह्मास्त्र बनाने की विधि का उपयोग किया।
स्वास्तिक चिन्ह
हिंदू धर्म में स्वास्तिक चिन्ह को पवित्र माना जाता है महाभारत में भी इसका जिक्र मिलता है।आपको बता दूं कि 8000 साल पुरानी नगर सभ्यता मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में भी स्वास्तिक चिन्ह के अवशेष मिले हैं। महाभारत को भी हुए 5000 साल हो गया है।
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अर्जुन का चक्रव्यूह
महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन का चक्रव्यूह के बारे में आपने जरूर सुना होगा। यह चक्रव्यू बड़े से बड़े योद्धा हो को ढेर कर देता था। आपको इस चक्रव्यू का सबूत आज मैं आपको देता हूं। दरअसल,हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के सोलह सिंगी धार नाम का गांव गांव है। जहां अर्जुन का चक्र बना हुआ है। यह चक्कर ठीक उसी प्रकार है जैसा महाभारत में वर्णित है। दरअसल अर्जुन अपने अज्ञातवास के दौरान इसी जगह पर रुके थे और इसी जगह अर्जुन को चक्कर में बनाने का ज्ञान हुआ था। अर्जुन ने अपने सीखे हुई ज्ञात को पत्थर पर उकेरा था।
द्रारीका नगरी
महाभारत के अनुसार श्री कृष्णा की द्रारीका नगरी समुद्र में लीन हो गई थी। अभी कुछ ही वर्षों पहले गुजरात के पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को समुद्र के अंदर पुराना शहर मिला है। यह माना जा रहा है कि यह द्वारिका नगरी के ही आवश्यक है। हालांकि इस पर अभी रिसर्च चल रही है।
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श्रीमद्भगवद्गीता
अगर भगवत गीता है तो महाभारत ही हुई थी। क्योंकि गीता में जो जो बात लिखी गई है वहां सामान्य व्यक्ति के लिए लिखना असंभव है। उतनी गहरी ज्ञान की बात और इतने भारी-भारी शब्द साधारण इंसान के लिए असंभव है। गीता भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है।तो अतः में यह कहा जा सकता है कि गीता है तो महाभारत भी हुई होगी।
यहां मैंने आपको महाभारत होने के पांच सबूत बताएं जो यह साबित करता है,कि महाभारत सच में हुआ था यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है यह हमारा इतिहास है।
मेरे विचार
अब इस पोस्ट के जरिए आपको यह मालूम हो गया होगा कि हमारा हिंदू धर्म सबसे पुराना धर्म है।और महाभारत भी असल में हुआ था। बहुत से लोग इसे केवल मनगढ़ंत कहानी बताते हैं मगर यह सारे सबूत देखने के बाद उनके पास कोई जवाब नहीं रहता है। शायद अब आपको भी यकीन हो गया होगा कि महाभारत असल में हुआ था।
आखिरी शब्द
तो आज के इस पोस्ट में हमने जाना कि क्या महाभारत सच में हुआ था? और महाभारत हमें के पांच सबूत! के बारे में भी चर्चा किया। यह सभी सबूत देखकर उन लोगों की बोलती बंद हो जाती है जो महाभारत को झूठा बोलते हैं।
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।