दोस्तो, आज के समय में किसी भी अपराधी को मौत की सजा देना बहुत ही ज्यादा कठिन है, पर पुराने समय में राजा महाराजा लोगो के बीच में अपना खौफ बनाए रखने के लिए अपराधियों को अजीबोगरीब मौत की सजा देते हैं। इन सभी खतरनाक सजाओ में चूहे से मरवाना, शरीर की चमड़ी निकलवा देना, आंखें फोड़ देना जैसी सजाए शामिल है। मगर कुछ इतिहासकारों के अनुसार इन सभी मौत की सजा देने के तरीकों में से सबसे खतरनाक और दर्दनाक तरीका ब्रेजन बुल (Brazen bull punishment) का ही था।
ऐसे में आइए आपको बताता हूं कि ब्रेजन बुल की सजा क्या होती थीं?
Brazen bull punishment क्या थीं?
दरअसल, प्राचीन ग्रीस में 560 ईसा पूर्व में एक राजा जिसका नाम फलारिस था। वह काफी सनकी की किस्म का राजा था। उसने लोगों को मौत की सजा देने का बहुत शौक था। वह अलग अलग तरीकों से लोगों की मौत की सजा देता था।
एक दिन उसने अपने दरबार के शाही शिल्पकार पेरिलॉस से एक पीतल का बैल बनवाया इस बैल की खासियत यह थी, कि इसके अंदर अपराधी को जिंदा डाल दिया जाता था और नीचे से आग लगा दी जाती थी अंदर बैठे अपराधी जब गर्मी की वजह से जलने लगता था तो वह सीखता था और उसकी चीख बाहर मधुर ध्वनि में बदल जाती थी। जब अपराधी का शरीर जलता और उसके धुआ निकलता तो वह धुआं बेल के नाक से निकलती और यह धुआं बदबूदार नहीं बल्कि खुशबूदार धुआं होती थी क्योंकि उसमें परफ्यूम सेट किया गया था।
तो इस तरीके से ब्रेजन बुल में जाने वाले अपराधी की मौत तड़प तड़प कर होती थी और यह सब देखकर फलारिस खुश होता। क्योंकि उसे लोगों को मरता देख काफी आनंद आता था।
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ब्रेजन बुल (Brazen bull)को बनाने वाले को को मिली सबसे पहले मौत!
जब सबसे पहले फलारिस के कहने पर शाही शिल्पकार पेरिलॉस ने ब्रेजन बुल को बनाया और इस अद्भुत ब्रेजन बुल के बारे में फलारिस को बताया तब राजा यह देखना चाहता था कि आखिर यह कैसे काम करता है। इसीलिए राजा ने सबसे पहले उसी कारीगर को ब्रेजन बुल के अंदर डलवाया और और नीचे से आग लगवा दी वहां कारीगर बिचारा तड़प तड़प कर मर गया।
छोटी सी छोटी गलती पर भी ब्रेजन बुल की सजा!
ब्रेजन बुल मिलने के बाद फलारिस अब हर किसी को मौत की सजा देने लगा। उसे यह इसका चस्का चढ़ गया था। उसने यह नियम बना दिया कि हर अपराधी को ब्रेजन भूल के जरिए मारा जाएगा। वह भरी सभा में जनता के सामने अपराधियों की मौत की सजा देता था। हर समय में हर छोटी से छोटी गलती पर भी ब्रेजन बुल की सजा देता था। बहुत बार तो एक व्यक्ति की गलती की सजा उसके पूरे परिवार को दी जाती थी।
फलारिस अपराधियों के हड्डियों का बना आभूषण भी पहनता था।
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ब्रेजन बुल सजा का अंत कैसे हुआ?
पुरानी कहावत है कि ‘ दूसरों के लिए खड्डा गड्ढे तो एक दिन उसी गड्ढे में गिर जाओगे’ यह कहावत फलारिस पर एकदम फिट बैठती है। फलारिस की भी मौत ब्रेजन भूल से ही हुई। दरअसल, पड़ोसी राज्य के राजा ने फलारिस के राज्य पर आक्रमण किया और उसने फलारिस को हरा दिया। उस राजा ने फलारिस को बंदी बनाकर ब्रेजन बुल में ही डलवा दिया। उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई। पहले लोगों की मौत होने पर हंसने वाले फलारिस की मौत पर उस दिन पूरी प्रजा हंस रही थी और खुशियां मना रही थी क्योंकि उन्हें एक सनकी राजा से मुक्ति मिली थी।
उस दिन के बाद से ब्रेजन बुल का उपयोग फिर कभी नहीं हुआ।
आखिरी शब्द
इसमें कोई शक नहीं है कि इतिहास में सबसे खतरनाक मौत की सजा देने के तरीकों में से ब्रेजन बुल की सजा ( Brazen bull punishment) सबसे खतरनाक थी इसमें अपराधी को मारने में 5 से लेकर 10 मिनट तक का समय लगता था। आशा करता हूं कि आप को इस पोस्ट के जरिए कुछ नया जानने को मिला होगा।
मेरे विचार
फलारिस की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती है। बुरा का अंत बुरा ही होता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण इतिहास में फलारिस ही है।
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।
Aap thoda detail me likha kare
Waise aap गंगेश्वर् महादेव temple pe ek आर्टिकल लिखे l