दोस्तों, आप सभी ने कभी न कभी तो रेल गाड़ी में जरूर सफर किये होंगे। अगर किसी ने नहीं भी किया होगा तो हमारी बॉलीवुड फिल्मों में रेल गाड़ी में हीरो हीरोइन को जरूर देखा होगा। कितना रोमांटिक होता है न वह सारे सिन। रेल गाड़ी या कहे ट्रैन, इसमें सफर करने का मजा ही कुछ अलग है।
हर स्टेशन पर रुकना, वो झुक झुक आवाज करके चलना। अगर ऊपर से माहौल बारिस का हो तो क्या ही कहना। अरे नही नहीं आज हम किसी रोमांटिक शैर पर नहीं ले जा रहे है आपको, बल्कि आपको भारतीय रेल विभाग के बारे में कुछ रोचोक सी बातें बताने जा रहे है। जिसे आपमें से कई यों ने सायद सुना भी। तो चलिए आज हम बात करते है भारतीय रेल के डायमंड क्रासिंग(Diamond Crossing) के बारे में। आखिर रेलवे डायमंड क्रॉसिंग क्या है? यह किस क्षेत्र में पड़ता है? और इसका ऐसा नाम क्यों पड़ा ? जानते इस बारे में आज के हमारे इस पोस्ट में
रेलवे डायमंड क्रॉसिंग (Diamond Crossing) क्या है? यह किस क्षेत्र में पड़ता है?
दोस्तों रेलवे में जहाँ पर 2 रेलरोड या फिर रेल ट्रैक गुजरने से डायमंड या हीरे के आकार बनाती हो , ऐसी जगह को डायमंड क्रासिंग कहा जाता है।। भारत के महाराष्ट्र में नागपुर में पड़ता है। जहाँ पर 2 रेल रोड उत्तर से दक्षिण के और 2 रेल पटरियां पूर्ब से पश्चिम के और गुजरते हुए दिख जायेंगे। अगर अपने कभी नागपुर स्टेशन से होते हुए कहीं जा रहे होंगे तो इस ‘डायमंड क्रासिंग’ को देखना मत भूलीयेगा।
दोस्तों ऐसी ही डायमंड क्रासिंग आपको 2 दिल्ली सेहरों में भी देखने को मिल जायेंगे। हमेसा यह जरुरी नहीं के डायमंड क्रासिंग एक परफेक्ट शेप बनाये। मगर नागपुर स्टेशन पर अबस्थित डायमंड क्रोसिंग को आप इंजीनियरिंग के अजूबे भी मान सकते है।
यूँ तो नागपुर सहर अपने संतरे के उत्पाद के लिए पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है। पर इसमें और एक ख़िताब भी जिद गया जब गवर्नर सर फ्रैंक ने साल 1925 के जनवरी 1 को नागपुर स्टेशन की उद्घाटन किया। तब से लेकर आज तक लगभग 97 साल से यह स्टेशन कार्यक्षम पर है। रेलवे में भारत की सेंटर मने जनि वाली यह स्टेशन में 2 रेल पटरियाँ पश्चिमबंग से मुंबई को जोड़ती है वही दूसरी और 2 रेल पटरियाँ दिल्ली को चेन्नई से जोड़ती है।
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भारतीय रेलवे का इतिहास
डायमंड क्रासिंग के बारे में जानने के बाद चलिये भारतीय रेल विभाग इतिहास कीबाते भी जान लेते है।
भारतीय रेलवे न ही केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया भर में सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्क है। 1,27,760 किलोमीटर ( अभी भी भारत के पहाड़ी क्षेत्र में रेल का उतना बिकास नहीं हुआ जितना बाकि इलाको में हुआ है) में फैला इसका नेटवर्क इसे दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क बनाता है।
हालांकि भारत में रेल या ट्रैन ब्रिटिशर्स के द्वारा लाया गया था , मगर आज के दिन में वे हमसे भी पीछे रहगये है। भारत में पैसेंजर ट्रेन 16th अप्रैल 1853 को बोरी बन्दर से थाणे के बीच चला था। भारत में रेल गाड़ी को सफलता पुर्बक लाने में लार्ड डेल्हौसि का बहत बड़ा योग दान था। इसीलिए लार्ड डेल्हौसि को भारतीय रेलवे के जनक के नाम से भी जाना जाता है।
यूँ तो इतनी बड़ी रेल पटरी भारत में बनाने के लिए कई सारे मजदुर,इंजीनियर और बाकि सारे कर्मचारी लगे थे, आज के समय भारतीय रेल कर्मचारी के मामले में दुनिया में 8वीं सबसे बड़ी अनुष्ठान है जिसके पास लगभग 13 लाख कर्मचारियां है। इनमे हर श्रेणी के कर्मचारी सामिल है।
भारतीय रेल का विस्तार
भारतीय रेल देश के सारे हिस्सों में महजूद है। यह उत्तर में कश्मीर के पहाड़ से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी के तटों तक और पूर्ब में बंगाल के खाड़ी से लेकर पश्चिम में राजस्थान के रेगीस्तान तक फैला हुआ है। मगर आज भी भारत के कुछ ऐसे हिस्से है जहाँ तक रेल रोड नहीं बना है। ऐसे में आप उत्तराखंड को ही देख सकते है। जहाँ अभी रेल रोड का काम चल रहा है। आकड़ो के हिसाब से भारतीय रेल में अभी तक 7000 से भी अधिक स्टेशन महजूद है।
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भारतीय रेलवे की कुछ रोचक बातें
- तत्कालीन भारतीय गवर्नर लार्ड डेल्हौसि को भैरतीय रेलवे का जनक मन जाता है।
- खड़गपुर स्टेशन भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा स्टेशन था। इसकी लंबाई 2733 फ़ीट थी।
- हालही में यह ख़िताब गोरखपुर स्टेशन को मिली है। जिसकी लंबाई 4430 फ़ीट है।
- भारतीय रेलवे यूनेस्को पर भी अपने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और माउंटेन रेलवे के चलते स्थान प्राप्त की हुई है।
- विवेक एक्सप्रेस जो के डिब्रुगढ से कन्याकुमारी तक चलती है , लगभग 4273 किलो मीटर के सफर तय करने के साथ साथ सबसे लंबी दूरी तक चलने वाली ट्रेन है।
- नागपुर से अंजनी जाने वाली ट्रैन 3 किलो मीटर के सफर के साथ भारतीय रेलवे में सबसे कम दूरी तय करने वाली ट्रेन है।
- भारतीय रेलवे के पास अभी तक 5 लुकजरिओस ट्रेन है , जो के किसी भी 5 स्टार होटल से कम नहीं है।
- चेनाब पर स्थित रेल ब्रिज दुनिया की सबसे बड़ी रेल ब्रिज है।
- जम्मू कश्मीर में स्थित पीर पंजाल रेलवे टनल भारत की सबसे बड़ी रेल टनल है। जिसकी लंबाई लगभग 11 किलो मीटर है।
- आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोल्कता स्टेशन पर रोज लगभग 970 के आस पास ट्रैन रूकती है।
- फेरी क्वीन , जो की एक स्टीम इंजन से चलती है आजतक कार्यक्षम है।
- लगभग 14 लाख कर्मचारियों के साथ भारतीय रेलवे दुनिया की 8वि सबसे बड़ी नियोक्ता है।
- रेड रिबन एक्प्रेस जो के एड्स के बारेमे जान जागरूकता फैलाती है, हर साल 1 दिसंबर को हर स्टेशन पर महजूद होती है।
आखरी शब्द
दोस्तों आशा है कि आज आपको रेलवे डायमंड क्रॉसिंग (Diamond Crossing) क्या है यह किस क्षेत्र में पड़ता है? यह मालूम पड़ गया होगा साथ ही इस पोस्ट में हमने भारतीय रेल का इतिहास और इससे रोचक तथ्य भी जाने उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी अपनी राय हमें कमेंट करके जरूर दें।
मेरे विचार
भारतीय रेलवे पूरे देश की नसों के समान है आपको हमारे पूरे देश में कहीं पर भी जाना होगा बस भारतीय रेल आपके लिए हाजिर होगा भारतीय रेलवे भारत समेत नेपाल पाकिस्तान भूटान तक भी आपको सेवा देता है क्या आपको भी रेलवे का सफर अच्छा लगता है तो हमें कमेंट करके जरूर बताइए।
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।