खलनायक नहीं नायक हूँ मैं! यह बात लंकापति रावण पर एकदम फिट बैठती है। हमने रावण की लाश बुराइयां पढ़ी और सुनी है मगर उसकी अच्छाइयों के ऊपर कोई बात नहीं सकता है। भारत के कुछ समुदाय जाति के लोग रावण की अच्छाइयों से प्रभावित होकर लंकापति रावण को भगवान मानते हैं। रावण की पूजा करते हैं। मैं आपको आज यह बताऊंगा कि भारत में मौजूद 7 जगह जहां रावण की पूजा होती है। पूजा करने के लिए यहां रावण के भव्य भव्य मंदिर भी बनाए गए हैं। इन जगहों पर राम का बखान करने पर आपको विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
राम कृष्णा के ऊपर चर्चा तो सभी करते हैं मगर दशानन रावण का क्या? चलिए, आज हम इस पोस्ट में लंकापति रावण के विषय में चर्चा करते हैं जानते हैं कि लोग रावण की पूजा क्यों करते हैं? और भारत में मौजूद 10 ऐसे मंदिर जहां पर रावण की पूजा होती है।वह 10 मंदिर कौन-कौन से हैं? उसके विषय में विस्तार से जानकारी लेते हैं।
लोग रावण की पूजा क्यों करते हैं?
लोग रावण की पूजा क्यों करते हैं? इसका कोई ठोस या सटीक कारण नहीं है। जिस जिस जगह पर रावण की पूजा होती है। वह जगह पौराणिक कथाओं में रावण से जुड़ा हुआ है दूसरा कारण यह भी है कि कुछ जाति समुदाय के लोग किसी भी देवी देवता में अच्छी बातें जान समझ कर उसे अपना भगवान मानते हैं। वे यह बात तय करने के लिए धार्मिक ग्रंथों का सहारा लेते हैं। कुछ लोगों को रावण में अच्छी बातें दिखती है और उन्होंने उस रावण को अपना भगवान मान लिया है।
उनका मानना है कि “रावण बुरा नहीं था, बल्कि वह अच्छा राक्षस था”। यह बात मैं भी व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि रावण में बुराइयां तो थी मगर अच्छाई अभी थी
भारत के ये 7 रावण
का मंदिर
लोगों को रावण को पूजना या ना पूजना उनका व्यक्तिगत मामला है। चलिए हम यह जानते हैं कि भारत में 10 रावण मंदिर कौन-कौन से हैं?
मंदसौर मध्य प्रदेश रावण का मंदिर
मध्यप्रदेश के मंदसौर में रावण की पूजा होती है। यहां रावण की पूजा क्यों होती है इसके पीछे बहुत रोचक कहानी है दरअसल, इस शहर का प्राचीन नाम दशपुर था। रावण की पत्नी मंदोदरी का भी जन्म इसी शहर में हुआ था। जब रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ। तब इस शहर का नाम मंदसौर पड़ा। यहां के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं, क्योंकि दमाद की इज्जत करनी चाहिए। यहां की बेटी रावण से व्याही गई थी। इसके लिए यहां के लोग रावण का बुरा कभी नहीं चाहते हैं। दशहरे के दिन भी यहां के लोग रावण का पुतला नहीं चलाते हैं बल्कि उसकी पूजा करते हैं।
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चिकली गांव उज्जैन मध्य प्रदेश रावण का मंदिर
यहाँ रावण की पूजा यहां के लोग क्यों करते हैं इसका जवाब है ‘डर’ यहां के लोगों के अनुसार अगर रावण की “पूजा नहीं की गई तो पूरा गांव जलकर राख हो जाएगा”। इसी डर के कारण यहां के लोग रावण की पूजा करते हैं। दशहरे के दिन भी रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है। बल्कि पूरा गांव शौक में डूबा रहता है।
दरअसल पुरानी कथाओं के अनुसार की अगर इस गांव में रावण की पूजा नहीं की गई तो गांव जलकर राख हो जाएगा। यही डर के कारण स्थानीय लोग रावण पूजा करते हैं।
बिसरस उत्तर प्रदेश रावण का मंदिर
उत्तर प्रदेश के बिसरस जिले में अभी रावण का मंदिर है। यहां लोग रावण को भगवान मानते हैं। यहां के लोगों के मन में “Ravan as a God” की भावना है। इस गांव के लोग दशहरे के दिन खुशियां नहीं बनाते बल्कि रावण की मृत्यु का शोक मनाते हैं।
यहां के लोग राम भक्ति पर रोक लगा रखी है। कोई बाहरी व्यक्ति यहां राम का गुणगान करता है तो उसे विरोध झेलना पड़ता है। यहां कि हर बच्चे बच्चे के मुंह से आपको रावण की अच्छाइयां ही सुनने को मिलेगी।
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विदिशा मध्यप्रदेश में रावण का मंदिर
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में रावण का एक भव्य मंदिर है। यहां से भी लोग रावण को अपना भगवान मानते हैं या गांव का नाम भी लोगों ने रावण के नाम पर रावणग्राम रखा है। इस गांव में रावण का एक विशाल मंदिर है, जहां रावण की 10 फुट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है।
स्थानीय जनजाति के लोग इस मंदिर में शुभ अवसर पर विशेष तौर पर रावण का आशीर्वाद लेने आते हैं।
काकीनाडा आंध्र प्रदेश में मौजूद रावण का मंदिर
आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले में स्थित है यह काकीनाडा रावण का मंदिर! भक्तों का ऐसा मानना है कि इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग की स्थापना खुद रावण ने की थी। इस मंदिर में भगवान शिव का एक बड़ा सा शिवलिंग है और साथ ही रावण की 20 फुट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की गई है। यह मंदिर समुद्र तट के पास मौजूद है जिसके कारण है पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बना रहता है। हर साल यहां लाखों लोग मनमोहक समुद्र तट और अनोखे रावण के मंदिर को देखने के लिए आते हैं।
दशानन मंदिर कानपुर उत्तर प्रदेश
दशानन मंदिर यहां कानपुर के शिवाला इलाके में स्थित है। यह मंदिर करीब 132 साल पुरानी है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1810 में ‘राजा गुरु प्रसाद शुक्ला’ ने करवाया था। यह मंदिर केवल दशहरा पर भक्तों के लिए खोला जाता है इस दिन मंदिर को खूब सजाया जाता है और धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है दशहरा के दिन पूरे मंदिर को केवल मिट्टी के दिए और फूलों से सजाया जाता है
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जोधपुर राजस्थान में रावण का मंदिर
जोधपुर में रावण का मंदिर है जहां दशहरे के दिन खुशी नहीं बल्कि मातम रहता है। यहां मंदिर अमरनाथ महादेव मंदिर के प्रांगण में स्थित है 2008 के बाद यहां रावण की मूर्ति स्थापित की गई मंदिर के पुजारी का कहना है कि “रावण महान संगीतकार और वेदों का महाज्ञानी था”। इसीलिए जो लोग संगीत सीखते हैं या वेदों का प्रशिक्षण लेते हैं वह रावण की आशीर्वाद लेने इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जरूर आते हैं।
आखरी शब्द
तो आज के इस पोस्ट में हमने जाना कि भारत के किस राज्य में रावण का मंदिर है साथ ही यह जाना कि लोग रावण की पूजा करते क्या हैं? आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी काफी अच्छी लगी होगी।
मेरे विचार
जिस तरीके से एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरीके से हर व्यक्ति के दो पहलू होते हैं। उसी तरह रावण में भी दो पहलू थे, एक अच्छा और बुरा! भारत में कुछ समुदाय के लोगों ने रावण की अच्छाइयों को जाना समझा और प्रभावित होकर रावण तो अपना भगवान बना लिया। हालांकि इसमें किसी को कोई आपत्ति तो नहीं होनी चाहिए क्योंकि आस्था तो आस्था है! आस्था पत्थर में भी हो सकती है!
भारत में मौजूद रावण का मंदिर के विषय में यह जानकारी अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें।
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।