वर्तमान में सुप्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी का मंदिर जो कि भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस मंदिर की प्रशंसा हमें कई जगह से सुनने को मिलती है। जो कि हिंदुओं के लिए काफी गर्व की बात है। जगन्नाथ मंदिर के कुछ ऐसे रहस्य भी हैं, जिनके बारे में वैज्ञानिक भी जान कर आश्चर्यचकित हैं, और वैज्ञानिक भी उन रहस्यो से पर्दा नही उठा पाये है। आज हम इस लेख में जगन्नाथ पुरी मंदिर का रहस्य क्या है? मन्दिर के इतिहास क्या है? के बारे में जानकारी को जानेंगे!
जगन्नाथ पुरी मंदिर
भारत के उड़िशा राज्य के पुरी शहर में स्थित जगन्नाथ मन्दिर हिंदुओ का तीर्थ स्थल है। जगन्नाथपुरी के इस मंदिर में भगवान श्री विष्णु के अवतार श्री कृष्ण भगवान की प्रतिमा श्री जगन्नाथ भगवान के रूप में स्थापित की हुई है। साथ में जगन्नाथ पुरी के इसी मंदिर में जगन्नाथ भगवान के साथ ही इनके बड़े भाई बलभद्र और सुभद्रा की मूर्ति भी इसी मंदिर में स्थापित की हुई है।
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ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री विष्णु जी जब भी चारों धामों की यात्रा करते थे, तो सबसे पहले तो वह हिमालय मैं मौजूद बद्रीनाथ में स्नान करते थे। लेकिन पश्चिम में स्थित द्वारिका में वह अपने वस्त्रों को धारण करते थे और उसके बाद वह अपना भोजन जगन्नाथपुरी में करते थे। तत्पश्चात दक्षिण में स्थापित रामेश्वरम धाम में जाकर वह अपने शरीर को विश्राम देते थे। वर्तमान में हिंदू धर्म के लोगों की आस्था इन चारों धामों में अधिक बनी रहती है।
भारत में हिदुओं के चार मुख्य धाम हैं इन चारों धामो का जिक्र कई बार किया जाता हैं, क्युकी हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार चारो धामो को बहुत महत्व दिया जाता हैं और पुराणों में जगन्नाथपुरी को धरती का बैकुंठ कहा जाता था।
जगन्नाथ पुरी मंदिर कहा स्थित हैं?
जगन्नाथ पुरीभारत देश के पूर्व दिशा में उड़िसा प्रदेश के पुरी शहर में जगन्नाथ भगवान का मंदिर है।
जगन्नाथ पुरी मंदिर के रहस्य
आइए अब ओडिशा में मौजूद भगवान जगन्नाथ पुरी मंदिर का क्या रहस्य है इस विषय पर चर्चा करते हैं यहां आपको जगन्नाथ पुरी मंदिर के 6 प्रसिद्ध रहस्य के बारे में बता रहा हूं
1.जगन्नाथ पुरी मंदिर का सुदर्शन चक्र
जगन्नाथपुरी मंदिर के ऊपर एक सुदर्शन चक्र मौजूद हैं। इस सुदर्शन चक्र की खास बात यह है, कि इसे पूरी के किसी भी जगह से देखने पर यह सीधा दिखाई देता हैं। सुदर्शन चक्र को किसी भी जगह से देखने पर यह बिल्कुल सीधा दिखाई देता है। यह सुदर्शन चक्र अष्टधातु से निर्मित हैं, इस सुदर्शन चक्र को निलचक्र भी कहा जाता है।
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2. जगन्नाथ मंदिर की परछाई नहीं बनती है!
दुनिया भर के सभी मंदिरों की परछाई हमें दिखाई है, लेकिन जगन्नाथ मंदिर में ऐसा क्या रहस्य है, जिसके कारण हमें जगन्नाथ मंदिर की परछाई नहीं दिखाई देती है।जगन्नाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा और सुंदर भव्य मंदिर है इस भव्य और विशालकाय मंदिर की ऊंचाई लगभग 214 फीट है,और यह 4 लाख वर्ग फुट तक के क्षेत्र में फैला हुआ है, जो इसे काफी प्रशंसनीय बनाता है।
3. ध्वज की हवा का रहस्य
जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज हवा की दिशा में ना लहराकर हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। कई वैज्ञानिक ने इसके रहस्य को सुलझाना चाहा लेकिन आज तक इसे कोई नहीं सुलझा पाया। आज भी यह ध्वज हवा की विपरीत दिशा में ही लहराता है। जो कि हर किसी को आश्चर्यचकित कर देता है।
जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपर लगाए गए ध्वज के विषय में कहा जाता है कि मंदिर का पुजारी रोज़ाना एक बार 45 मंजिल उची ईमारत जितना चढ़कर इस ध्वज को बदलते है। अगर किसी भी दिन ध्वज को ना बदले तो अगले 18 वर्षों तक मंदिर को बंद कर दिया जाएगा।
4. समुंद्री लहरों की आवाजें
इस मंदिर के रहस्यों की अगर हम बात करें तो यहां तो रहस्य ही रहस्य हैं। यह मंदिर समुद्र के निकट बना हुआ है। जगन्नाथ मंदिर समुद्र के निकट होने के बावजूद भी जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे से आप जैसे ही मंदिर के अंदर कदम रखोगे तो आपको समुंद्र की लहरों की किसी भी प्रकार की आवाज नहीं सुनाई देगी। यानी की आवाज आना बिल्कुल ही बंद हो जाएगा। अगर आप मंदिर के दरवाजे से जैसे ही बाहर आते हैं, फिर वहां पर आपको समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देने लगेगी। जो कि माना जाए तो किसी चमत्कार से कम नहीं है।
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5. विमान और पक्षी का रहस्य
आज तक इस मंदिर पर कभी भी पक्षी बैठे और उड़ते हुए नहीं दिखाई देते है आमतोर पर किसी भी मंदिर के ऊपर पक्षीयो का अड्डा रहता है पर इस मंदिर में ऐसा नहीं होता यहाँ तक की पक्षी इसके ऊपर से भी नहीं गुजरता है इसी लिए सरकार ने भी इस जगह को नो फ्लाय जॉन घोषित कर दिया है
6. विश्व की सबसे बड़ी रसोई
विश्व की सबसे बड़ी रसोई जगन्नाथ मन्दिर में बनाई जाती हैं। जगन्नाथ मन्दिर में रसोई को हर दिन 500 रसोइए और 300 सहयोगी मिलकर बनाते हैं रसोइए रसोई तो बनाते हैं लेकिन इसमें रहस्य यह हैं कि जब रसोइए जगन्नाथ मंदिर में आए श्रदालुओं के लिए प्रसाद के रूप रसोई बनाते हैं, तो एक के ऊपर एक करके 7 बर्तनों को रखा जाता हैं और फ़िर सबसे पहले ऊपर वाले बर्तन में प्रसाद बनता हैं। जबकि सबसे पहले तो प्रसाद सबसे नीचे वाले बर्तन में बनना चाहिए पर उसमें तो सबसे बाद में प्रसाद बनता है। नीचे के बर्तन में आग का ताप तो सबसे अधिक होता हैं। लेकिन फिर भी ऐसा जाने क्या चमत्कार है, जो सबसे पहले ऊपर वाले बर्तन में प्रसाद बनता हैं।
हर दिन यहां पर 20 से 30 हजार लोगो के लिऐ प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद तो इतने ही लोगों का बनता हैं पर यहां भले ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त आए हो लेकिन फिर भी प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता हैं। कभी भी मन्दिर में प्रसाद कम नहीं पड़ा
जगन्नाथ भगवान के हाथ क्यों नहीं है?
जगन्नाथ पुरी मंदिर में मौजूद तीन मूर्तियां बलराम,सुभद्रा और जगन्नाथ है। हैरान करने वाली बात है, कि तीनों मूर्तियों के हाथ नहीं है। इसके पीछे की वजह हमें पौराणिक कथाओं से मिलती है। दरअसल तीनों मूर्तियों को बनाने की जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा को दिया गया था। उनकी यह शर्त थी कि “जब मैं मूर्तियों का निर्माण करू तब मुझे कोई ना देखें!” पर वहां के राजा ने उत्सुकता के कारण उनको मूर्ति निर्माण करते हुए देख लिया अतः भगवान विश्वकर्मा ने मूर्ति का काम वही रोक दिया। जिसके कारण से तीनों मूर्तियों के हाथ नहीं बन पाए।
जगन्नाथ भगवान के मंदिर की रोचक तथ्य!
- जगन्नाथ भगवान के मंदिर में मौजूद नीम की लकड़ी से बनाया गया है।
- मंदिर में मौजूद मूर्तियों को हर 14 साल में बदला जाता है।
- भगवान जगन्नाथ के रथ चार घोड़े खींचते हैं जिनका नाम शंख, बलाहक, श्वेत एवं हरिदाशव है।
- जगन्नाथ मंदिर में विदेशी लोगों का आना वर्जित है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमनें आपको जगन्नाथ पुरी मंदिर का रहस्य क्या है? इसके विषय में चर्चा की! जिनसे विज्ञान भी हैरान है, दोस्तो अगर यह लेख आपके लिए महत्वपर्ण साबित होता है, तो इसे आप अपने उन दोस्तोको जरूर शेयर करें । जिससे की वह भी यह जानकारी प्राप्त कर सकें।
एक बार कमेंट में जय जगन्नाथ जरूर लिखिए!
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।