हम भारतीय मसालेदार खाने के बहुत ही शौकीन है। खाने के स्वाद के साथ-साथ उसमें से आने वाली खुशबू पर भी काफी जोर देते हैं। इसीलिए लगभग हर भारतीय भोजन में हिंद का इस्तेमाल जरूर करता है। जिससे भोजन का स्वाद तो बढ़ता ही है साथ में खुशबूदार भोजन भी बनता है। वैसे तो हींग के बहुत सारे आयुर्वेदिक गुण भी है। आयुर्वेद में इसका खूब बखान किया गया है।
मगर क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि हींग कैसे तैयार होता है? तो चलिए आज के हम इस पोस्ट में यह चर्चा करते हैं कि हिंग कैसे बनता है?
बहुत जगह यह अफवाह फैली हुई है कि हिंग एक खुशबूदार पत्थर को पीसकर बनाया जाता है।तो आपको बता दूं कि कोई भी पत्थर में खुशबू नहीं होता है। और हिंग को पत्थर से तो बिल्कुल भी नहीं बनाया जाता है। चलिए मैं आज आपको हिंग बनाने का असली प्रोसेस बताता हूँ।
हाईलाइट
- भारत में हींग का उत्पादन ना के बराबर होता है अधिकतर है दूसरे देशों से आयात की जाती है।
- भारतीय बाजार में हींग की कीमत ₹35000 प्रति किलो है।
- हींग के 1 पौधे में से हिंग प्राप्त करने में करीब 4 से 5 साल लगते हैं।
हींग कैसे बनती है?
दरअसल, हींग बनाने की प्रक्रिया बेहद मुश्किल और लंबी अवधि का होता है। दरअसल किंग का पौधा होता है जैसे कि नींबू,टमाटर के छोटे-छोटे पौधे होते हैं। हींग के पौधे की लंबाई 1 मीटर होती है। हींग के पौधे में से हिंग प्राप्त करने के लिए उस पर किसी भी तरीके से फल,फूल नहीं आता है। बल्कि हिंग के पौधे के जड़ों में से हिंग प्राप्त होता है।
दरअसल हींग बनाने के लिए हींग के पौधे के जड़ों को थोड़ा सा काट दिया जाता है। जिससे जड़ों से चिपचिपा पदार्थ बाहर निकलने लगता है। असल में यह हींग है। मगर आपको तो यह मालूम ही होगा कि हिंग गुणों में बेहद गर्म है। इसका इस्तेमाल केवल एक चुटकी ही होता है। पेड़ों की जड़ों से निकला चिपचिपा पदार्थ हिंग तो है मगर यहां अभी गुण में काफी ज्यादा गर्म है। कोई सामान्य व्यक्ति इसका सेवन करें तो उसकी तबीयत खराब हो सकती है। इसीलिए इसके प्रभाव को कम करने के लिए फैक्ट्री में ले जाकर इसमें चावल का आटा मिलाया जाता है। अच्छी तरीके से धूप में सुखा लिया जाता है फिर पाउडर बना दिया जाता है। इस तरीके से हींग बन के तैयार हो जाता है।
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हिंग की कीमत
भारत में हींग की कीमत 35000 प्रति किलो या उससे अधिक रहती है यह गुणवत्ता के ऊपर निर्भर रहता है।
हिंग के महंगा होने के पीछे क्या कारण है?
जैसा कि अभी हमने जाना है कि हिंग 35000 किलो बिकता है। तो आपके मन में यह सवाल आया होगा कि आखिर हिंग इतना महंगा क्यों है? तो चलिए यह सवाल का जवाब जानने की कोशिश करता है।
दरअसल आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में अधिकांशत हिंग अफगानिस्तान, ईरान, इराक और उज्बेकिस्तान से आयात करना पड़ता है। क्योंकि भारत में हींग की खेती ना के बराबर होती है। पर पिछले कुछ सालों से भारत के कुछ क्षेत्रों में हींग की खेती प्रारंभ हो गई।
हिंग के महंगा होने की दूसरी बड़ी वजह है कि हींग के पौधे को लगाने के बाद और हिंग की फसल प्राप्त करने में करीब 4 से 5 साल का समय लगता है। फसल लंबी अवधि के लिए होता है। इसीलिए हिंग महंगा होता है।
हिंग के एक पौधे से मात्रा आधा किलो जितना है हिंग प्राप्त हो पाता है। इसीलिए उत्पादन कम होता है। जिससे कीमत अधिक रहती है।
भारत में भी हींग की खेती शुरू हो गई है!
भारत कई राज्यों में हिंग की खेती शुरू हो गई है। कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और लद्दाख यहां पर किसान हिंग की खेती करके तगड़ी कमाई कर रहे हैं।
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हिंग का इतिहास
आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर इतने दमदार मसाले की खोज कैसे हुई होगी? क्या इसकी खोज भारत में हुई थी?या यह विदेशी लोगों की देन है? तो चलिए हींग के इतिहास को भी जान लेते हैं!
भारत में हींग कहां से आया है?इसका किसी के पास भी सटीक जवाब नहीं हैं। इतिहासकारों के एक समुदाय के अनुसार मुगल काल के दौरान यह हिंग ईरान अफगानिस्तान से भारत आया और फिर धीरे-धीरे यह भारतीय लोगों के भोजन का हिस्सा बन गया। तो वही इतिहासकारों का दूसरा समुदाय यहां तर्क देता है कि चरक संहिता में हिंग का जिक्र मिलता है। यहां तक कि संस्कृत भाषा में हींग को ‘हिंगु’ नाम दिया गया है।
तो वहीं कुछ इतिहासकारो का यह दावा है कि ईरान अफगानिस्तान से भारत आए कुल जनजाति अपने साथ हींग लेकर आए और उन्होंने भारत के लोगों को भी हिंग के बारे में अवगत कराया।
तो कुछ इस तरीके से भारत में हींग कहां से आया इसका सटीक जवाब नहीं है।
असली हींग की पहचान कैसे करें?
क्योंकि हींग काफी महंगा होता है!इसके लिए बाजार में अधिक मुनाफा कमाने के लिए नकली हींग भी बेची जाती है। जो हमारे खाने का स्वाद तो बिगड़ती है ही साथ में हमारे स्वास्थ्य को भी बुरी तरीके से नुकसान पहुंचाती है। इसीलिए मैं यहां आपको असली हींग की पहचान कैसे करें?यह बता रहा हूं कुछ मुद्दे हैं जो ध्यान में रखकर आप असली और नकली की पहचान कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं।
- असली हींग की खुशबू हाथों में रखने पर काफी देर तक रहती है। साबुन से धोने के बाद भी उसकी खुशबू हाथों से नहीं जाती है। तो वही नकली हींग की खुशबू उतनी ज्यादा नहीं होती है,और साबुन से धोने के बाद उसकी खुशबू चली जाती है।
- असली हींग आग में आसानी से जल जाता है। जबकि नकली हींग को जल्दी से नहीं चल पाता है।
- असली हींग को पानी में घोलने के बाद पानी का कलर दूधिया हो जाता है। जबकि नकली हींग को पानी में घोलने पर पानी का कलर नहीं बदलता है।
- असली हींग को घी के साथ उबलने पर झाग आने लगता है और उसका कलर भी हल्का लाल हो जाता है। तो वहीं नकली उनके साथ ऐसा कुछ नहीं होता है।
अब हम यह जान गए हैं कि हिंग कैसे बनता है? और हिंग इतना महंगा क्यों है?तो यह भी जान लेते हैं कि हिंग के क्या-क्या फायदे और नुकसान हैं? चलिए शुरू करते हैं
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हींग के चमत्कारी फायदे!
- वैसे तो हींग के बहुत सारे चमत्कारी फायदे हैं मैं यहां आपको कुछ फायदे गिना देता हूँ।अगर आपको लंबे समय से खांसी की शिकायत रहती है तो हींग के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें फिर छाती पर मालिश करें ऐसा एक दो बार करने से खांसी के द्वारा सारा कफ निकल जाएगा।
- दाद खाज खुजली होने पर हींग का पानी लगाने से अनेकों चमड़ी संबंधित रोग दूर हो जाते हैं।
- अगर आपके पेट में गैस की समस्या रहती है तो आपको हिंदी का सेवन करना चाहिए।
- निमोनिया के रोगियों के लिए हींग संजीवनी बूटी समान होती है दरअसल ही में एंटीबैक्टीरियल के गुण होते हैं जो निमोनिया के लक्षणों को काफी कम करता है।
- अगर आप डायबिटीज के मरीज है और आपको अपना शुगर लेवल मेंटेन रखता है तो आपको अपने भोजन में हींग का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए।
- अगर आपको माइग्रेन यानी आधा सिर दु:खता है तो आपको हींग का सेवन करना चाहिए।
हींग के नुकसान
किसी भी वस्तु का आवश्यकता से अधिक उपयोग करने पर वह नुकसान कारक होता है हींग को भी अगर आप आवश्यकता से अधिक उपयोग करेंगे तो आपको फायदे की जगह नुकसान देगा। आइए हम समझने कोशिश करते हैं कि हींग के अधिक उपयोग करने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
- अगर आप हींग को आवश्यकता से अधिक उपयोग करते हैं तो आपके होठों में सूजन आ सकती।
- यदि व्यक्ति अधिक हींग का सेवन करता है तो उसे चक्कर आने लगता है, क्योंकि हिंद गुण में बहुत अधिक गर्म होता है।
- हींग का अधिक सेवन करने से पेट में जलन और गैस जैसी समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।
- ब्लड प्रेशर के किसी भी मरीज जैसे कि उच्च रक्तचाप या निम्न रक्तचाप सेवन करने से बचना चाहिए।
- नोट: यहां हींग के फायदे और नुकसान इंटरनेट के जरिए जानकारी एकत्रित करके बताया गया है। किसी भी तरीके की घरेलू उपचार करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
आखरी शब्द
तो आज के इस पोस्ट में हमने जाना कि हींग कैसे बनता है? हींग इतना महंगा क्यों है? भारत में कहां-कहां हींग का उत्पादन होता है? असली और नकली हीरे की पहचान कैसे करें? और यह भी जानना है कि हींग के फायदे और नुकसान क्या है? उम्मीद है कि आप को हींग के विषय में पूरी जानकारी मिल गई होगी।
मेरे विचार
‘एक चुटकी हींग की कीमत हम भारतीयों को ही पता है’। यह केवल एक चुटकी हैं जो भोजन के स्वाद को उच्च स्तर पर लेकर जाता है। हमारे मसालों के खजाने में हींग का भी एक स्थान है। भले ही यह स्पष्ट नहीं है की खोज भारत में हुई थी या विदेशी लोगों की देन है पर पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे ज्यादा हींग भारत में खाया जाता है।
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Hi,मै अंकित शाह हूँ। मै इस वेबसाइट का मालिक और लेखक हूँ। पेशे से में एक लेखक और छोटा बिजनेसमैन हूं । मैं 20 साल का हूं और लेखन में मेरी काफी रूची है वैसे तो मैं मूल रूप से छपरा बिहार का हूं मगर मेरी कर्मभूमि सूरत गुजरात है।